मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो
मेरी तरह तुम भी झूठे हो
मुझसे बिछड़ के ...
इक टहनी पे चाँद टिका था
मैं ये समझा तुम बैठे हो
मुझसे बिछड़ के ...
उजले उजले फूल खिले हैं
बिल्कुल जैसे तुम हँसते हो
मुझसे बिछड़ के ...
मुझको शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो
मुझसे बिछड़ के ...
तुम तन्हा दुनिया से लड़ोगे
बच्चों सी बातें करते हो
मुझसे बिछड़ के...
Lyricist by-Dr. Bashir Badr

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